एसोसिएशन के अध्यक्ष पद का विवाद चलते हुए बैरवा द्वारा कार्यक्रम घोषित करना गैरकानूनी – मिलिंद आवाड
नई दिल्ली : अखिल भारतीय एससी, एसटी रेल्वे कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन का विवाद अखिल भारतीय स्तर पर प्रलंबित है। तथापि, इस बात को लेकर कानूनी कार्यवाही चल रही है कि, संगठन को संचालित करने का अधिकार वास्तव में किसके पास है। असोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर अभी भी दो गुटों का दावा बना हुआ है। जिसमे श्री. बी. एल. बैरवा बनाम श्री. मिलिंद आव्हाड इनका विवाद अभी जारी है।
इसी के चलते हुए किसी भी एक गुट को फिलहाल कार्यक्रम आयोजित करना किसी भी तोर पर उचित नही है। लेकिन, एसोसिएशन को अपने नियंत्रण में रखने के लिए उन्होंने माननीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव जी को गुमराह करना जारी रखा हैं। माननीय मंत्री महोदय इस विवाद से अनभिज्ञ हैं। इसलिए, हम अनुरोध करते हैं कि, श्री बी.एल. बैरवा ने एसोसिएशन में अपनी मर्जी के अनुसार आयोजित कार्यक्रम में मंत्री महोदय जी शामिल ना हो।
आनेवाली १२ मई को वह एसोसिएशन के नाम एक कार्यक्रम आयोजित करने की कोशिश कर रहे हैं; जो की, किसी भी दृष्टि से उचित नहीं हैं; और ना ही वैध है। इस आशय की, प्रेस विज्ञप्ति मिलिंद विष्णु आवाड इनके द्वारा प्रसिद्धि को दी गई है।। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों को आमंत्रित किया है लेकिन इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से हम यह सुझाव देना चाहेंगे कि माननीय केंद्रीय मंत्री श्री बी.एल. बैरवा द्वारा १२ मई को आयोजित कार्यक्रम में शामिल ना हो। ताकी, असोसिएशन को गुमराह करने की शक्ती श्री बी. एल. बैरवा को बहाल ना करें, यह भी इस प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है।अखिल भारतीय एससी एसटी रेलवे एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के संगठन का विवाद अभी न्यायिक प्रक्रिया में है। और इस प्रक्रिया में बी.एल.भैरवा को अभी तक संगठन का अध्यक्ष घोषित नहीं किया गया है।
कुछ न्यायालयीन निर्णयों द्वारा छह महीने तक उन्हें किसी भी पद से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। बावजूद इसके, श्री बैरवा अपनी मर्जी चलाए हुए है।