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पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार सवालों के घेरे मे, और देश की जनता धर्म, जाती भुलकर साथ साथ खडी….!

पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार सवालों के घेरे मे, और देश की जनता धर्म, जाती भुलकर साथ साथ खडी….!

पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार सवालों के घेरे मे, और देश की जनता धर्म, जाती भुलकर साथ साथ खडी....!

      गर पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तानने करवाया है, तो सवाल यह है की पाकिस्तान हमला चुनाव के मोकेपर ही क्यू करता है ? क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और मोदी को मदत करना इस हमले का मकसद होता है ? युद्ध की तयारी दोनो तरफ से है, यह भाषा दिनो सरकारे कर रही है, तो क्या युद्ध होगा  ? पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी तो यही हुआ था. पर युद्ध क्यू नहीं हुआ ? सर्जिकल स्टाईक के नाम से उस वक्त जो भी हुआ यह एक आपसी सहमती का एक नाटक था. पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देनेवाले आतंकी भी पाकिस्तान से थे, तो उनको अबतक पकडा क्यू नहीं गया ? ये आतंकी देश मे ही है, की निकल गये ? अगर है तो कहा है और गये तो कैसे गये ? और अब जो हमला करने के लिये पाकिस्तान से आये वो भी कैसे आये ? क्या सीमावर्ती परिसर मे सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है ? है तो क्यू है ? और नहीं है, तो फिर आतंकी २०० से ३०० किलो मिटर सशस्त्र अंदर कैसे आये ? यह सारे सवाल पाकिस्तान से युद्ध करने से भी महत्त्वपूर्ण है ? यह इसलिये की इसे ध्यान मे रखकर हम हमारे देश के सुरक्षा का बंदोबस्त करेंगे, तो दुबारा कोई पुलवामा या पहलगाम जैसी आतंकी घटना नहीं होगी ? और देश के नागरिक नहीं मरेगे…! यही काम तो सरकार का है. तभी देश की जनता मानेगी की देश सुरक्षित हातो मे है.
         पुलवामा या पहलगाम आतंकी हमलेने इतने सारे सवाल को जनम दिया है, कोई भी विवेकवादी नागरिक इस आतंकी हमले मे केवल पाकिस्तान को जिम्मेदार मानने के लिये तयार ही नहीं हो रहा है. पर संघ, भाजप, गोदी मिडिया, भाजपा का आय. टी. सेल यह दिखाने की कोशिश मे लगा है की, इस हमले के पिछे केवल पाकिस्तान है. पर असली हकीकत यह है भारतीय अवाम के जैसे पाकिस्तान की अवाम भी आतंकवाद से परेशान है. और यह भी सच है की दोनो देशो की सरकार अपने अपने देश से आतंकवाद खतम करने के लिये काम करेगी तो, बस दो ही दिन मे यह आतंकवाद और आतंकवादी खतम हो सकते है. पर ये सरकारे आतंकवाद को खतम नहीं करना चाहती. समजो २०१९ मे आतंकवादी पुलवामा की घटना को अंजाम नहीं देते, तो मोदी वोट किस आधार पर मांगते. संघ का हिंदू मुस्लिम का अजेंडा किस आधार पर चलाते. तो दोनो देशो मे जो आतंकवाद है वो सरकारो की निती का का एक हिस्सा है.
       स निंदनीय हमले के बाद हमारी सेना पाकिस्तान से लढने के लिये तयार है, तो देश की सीमायों का रक्षण करने के लिये तयार क्यू नहीं रहती ? फिर सेनापर भी सवाल खडा होता है. अगर दुश्मन देश से हमारे सेना के जवान दिन रात अपने प्राणोंकी पर्वा किये बिना देश का संरक्षण करने के लिये तयार रहते है, तो पाकिस्तान से ये आतंकवादी आधुनिक हत्यारो के साथ सीमा पार भारत मे कैसे घुस जाते है. क्या यह सवाल हमारे देश के नागरिक हमारी सेना पर नहीं उठा सकते ? उनके भरोसे पर ही तो हम देश मे सुरक्षितता महसूस करते है. और हम सुरक्षित भी नहीं है, तो उसकी जिम्मेदार किसकी ? फिर एक सवाल.
     
     …. और  देश की जनताने किया संघ, भाजपा का हिंदू मुस्लिम वाला अजेंडा खतम….!
 
       पने धर्म का प्रचार, प्रसार करना धार्मिक आतंकी संघटनो का मकसद कभी नहीं रहा. मुस्लिम आतंकी संघटना का भी ये मकसद नहीं है. अगर रहता, तो वो इस मार्ग पर कभी नहीं चलते. दुनिया का पहिला आतंकी संघटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पहिला आतंकी नथुराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या धर्म के प्रचार, प्रसार के लिये नहीं की. यह हत्या भी राजनीति से प्रेरित थी. इस देश मे स्थापित हो रहे लोकतंत्र को विरोध करने का एक कट कारस्थान इस हत्या के पिछे था. और लोकतंत्र को धार्मिक उन्माद, तणाव पैदा करके की कमजोर किया जा सकता है, यह हर कोई जानता है. इसलिये धार्मिक आधारपर राष्ट्र की स्थापना करने की सोच रखनेवाली शक्तीया देश मे धार्मिक उन्माद पैदा करके जनता पर शासन और शासन के माध्यम से शोषण करना चाहती है. और आज पाकिस्तान और अपने ही देश मे कट्टर धार्मिक शक्तिया सत्तापर है. इसलीए दोनो का भी मिलाजुला अजेंडा है. दोनो के हात मे सत्ता भी है, आतंकी संघटन भी और आतंकी भी. तो पुलवामा, पहलगाम की घटना को कौन रोख सकता है. आतंकी आयेगे, कारवाई करेगे और निकल भी जायेगे.
       तंकी छुपकर आतंकी घटनायों अंजाम दे के निकल जाते थे, आज तक यही हो रहा था. इसबार भी यही हुआ, पर वो बहुत फूरसत मे थे. जैसा लग रहा है की, उनके पास बहुत समय था . आराम से आये, शिकार को पकडा, धर्म पुछा, कलमा पढवाया, सुने और फिर गोली मारी. अबतक कभी ऐसा नहीं हुआ. पत्ता भी नहीं लगता, अंजाम दे के निकल जाते थे. पर इसबार उनको उनके आकायोंने अजेंडा दिया था. धार्मिक उन्माद का. इसलिये तो धर्म पुछा, कलमा पढवाया. अगर इस आतंकी कारवाई मे धर्म और कलमा नहीं होता, तो यह कारवाई संघ, भाजप और मोदी के लिये बेकार की होती. आतंकीने उसका पुरा ध्यान रेखा, भाजप का अजेंडा अब आतंकी संघटनायों का अजेंडा बन गया है. संघ और भाजपके गुंडे भी तो धर्म पुछ्कर ही भारतीय नागरिकोंको मार देते है. यही तो आतंकियों इसबार किया. आतंकी घटना के बाद देश मे तो यही चल रहा है ना. यही धर्म और कलमा का मुद्दा पकडकर मोदी की गोदी मिडिया देश मे हिंदू मुस्लिम अजेंडा चला भी रही है. पर इस अजेंडा के खिलाप जनता धर्म, जाती भुलकर एक साथ खडी हो गयी. और संघ, भाजप की इस साजिको सफल होने नहीं दिया. 
     स आतंकी घटना के बाद सवाल तो बहुत उठ रहे है, पर ये पहिली बार भी नहीं हुआ. हर आतंकी हमले के बाद सवाल तो उठते ही है. पुलवामा घटना के बाद भी सवाल उठे थे. सर्जिकल स्टाईक के बारे मे भी सवाल उठे थे. सवाल तो यह भी उठ रहे है की, खतरा था, सरकार को मालूम भी था, तो भी जवानो को रस्ते के क्यू भेजा गया. हवाई जहाज से क्यू नहीं भेजा ? सवाल तो पिछले ६ साल से यह भी उठ रहा है की पुलवामा के आतंकी अबतक पकडे क्यू नहीं गये. वो आतंकी आजतक अपने ही देश मे है की पाकिस्तान निकल भी गये ? सवाल हजारो है, लेकीन जवाब किसी के पास नहीं. सरकार हर बात बोलती है, पर इसपर चूप है. यह चुपी ही हर जबाब दे रही है. बस हमारी समज मे नहीं आ रहा है, या हम समजना नहीं चाहते.
       भारत की सेना ने पाकव्याप्त काश्मिर मे कुछ कारवाई का अभियान चलाया है, वहा से आतंकी कॅम्प हट रहे है. बाकी युद्ध की भाषा दोनो सरकारे कर रही है, पर अधिकृत घोषणा नहीं हुई. जंग का ऐलान बाकी है. पर गोदी मिडिया के बात करे तो भारतीय सेना पाकिस्तान मे घुस गयी है, पाकिस्तान भयभीत है. चड्डी मे ही हाग, मूत रहा है और मोदी की सेना कभी भी इस्लामाबाद मे झेंडा गाढ देगी. गोदी मिडिया के चॅनेल अँकर जितने चिलायेगे उतना फायदा चॅनेल मालिक अंबानी , अदानी का होगा. यह मालिक मोदी के भी मालिक है.
      बिहार विधानसभा चुनाव जितने के लिये ये हमला करवाया गया है ? ये सवाल भी चर्चा मे है. और हमले के बाद मोदी काश्मिर नहीं बिहार गये, उससे यह साबित भी हुआ है. पहलगाम मे मारे गये नागरिकों शव उनके घर तक भी नहीं गये थे. उनके चिता को अग्नी भी देना बाकी था. उनके परिवार के आशू भी अबतक सुके नहीं, बस तबतक मोदीने बिहार जाकर उनके नामपर वोट मागे. उनके हत्या का बदला लेने की बात भी अबतक नहीं कर रहे है. पर बिहार मे जीत के लिये हिंदू मुस्लिम अजेंडा जोरशोर से चला रहे है. इसलिये ये हमला हर भारतीयों मन मे शंका पैदा करता है. और यह शंका गलत भी नहीं है.
      तंकी घटनाने देश को हिला दिया, देश मे मातम का माहोल पैदा किया. ऐसे स्थिती मे सरकार, उसके चमचे, गोदी मिडिया, संघ, भाजपने देश मे धर्मांध उन्माद पैदा करने की कोशिश की. पर ऐसे संवेदनशील घडी मे देश की जनता धर्म, जात, पंथ, प्रांत को भुलकर एक साथ खडी है. यहीदेश की और हमारी ताकद है, यही संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था की ताकद है. संघ, भाजप जैसी कितनी भी अलगाववादी शक्तीया देश मे नफरत फैलाने की कोशिश करेगी, देश को धर्म और जाती मे बाटने की कोशिश करेगी. देश की एकता और अखंडता के सामने आव्हान खडा करेगी, तब भी ये शक्तीया अपने मकसद मे कामयाब नहीं होगी, यह देश की जनता ने इस घडी मे साथ साथ खडे होकर दिया. ये देश हित और देश के एकता और अखंडता के दृष्टी से बहुत बडी बात है.
  ……….
 
राहुल गायकवाड,
महासचिव, समाजवादी पार्टी,
 महाराष्ट्र प्रदेश
 
 
 
 
 
 
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