१५ अगस्त : हम देश की और देश हमारी रक्षा करेंगा, आज ये संकल्प और यही अपेक्षाए होनी चाहिए…..!

१५ अगस्त : हम देश की और देश हमारी रक्षा करेंगा, आज ये  संकल्प और यही अपेक्षाए होनी चाहिए…..!

संविधान, लोकतंत्र की हिफाजत यही आजादी है.....!

       १५ अगस्त, आज वो दिन है की, आज के दिन देश आजाद हुआ. आजादी को पुरे ७९ साल हो चुके है. शेकडो सालों की गुलामी और शेकडो कुर्बानिया देने के बाद ये देश आजाद हुआ है. अपने प्राणोंकी कुर्बानिया देनेवाले सब शहीदों को वंदन, नमन करने का और उनके आदर्शोंपर चलने का संकल्प करने का आज का दिन है, आज हमारा यही संकल्प होना चाहिए…!  हमारा कर्तव्य यह भी होना चाहिए की, ये आजादी को हम कायम रखे और देश की तरक्की करे. देश केवल कागजपर बना नक्षा नहीं होता, इसलिये हर भारतीय नागरिक के आजादी का संकल्प भी हमे आज के दिन करना चाहिए. आज का दिन ढेर सारे संकल्प करने का दिन है. हम देश की रक्षा करेंगे और देश हमारी रक्षा करे, यह भी हमारा संकल्प और अपेक्षा होनी चाहिए.
     
    संविधान , लोकतंत्र की हिफाजत यही आजादी है…..!
 
        हम पहिले भारतीय है, और अंतिम भी भारतीय है, ये भारतीय होनी की अस्सल शिख हमे संविधान निर्माते और लोकतंत्र के जनक भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर दी है. उसे भी स्विकारने का संकल्प हमे आज करना चाहिए. संविधान और लोकतंत्र आजाद भारत का आत्मा है. इसलिये उन्हे भी बचाने का संकल्प हमे करना चाहिए. आत्मा बचेगा, तो ही देश बचेगा, यह अंतिम सत्य है. उसे दिल मे उतरना जरुरी है. शेकडो वर्ष हमारे पास ना कोई संविधान था, ना कोई लोकतांत्रिक व्यवस्था थी, इसलिये ही हम गुलाम बने थे. इसलिये उनकी हिफाजत करना हमारे लिये महत्त्वपूर्ण है. यही हमारी आजादी भी है. 
    
        भारतीय होने मे ही ताकद, जीत और आजादी   है….!
 
         जब विदेशी आक्रमणकारी हमारे देश मे आये और हमे गुलाम बनाया. शेकडो साल हमारे उपर राज किया. उस वक्त हम कमजोर, डरपोक थे, ऐशी बात भी नहीं थी. बात थी हम भारतीय नहीं थे. हम अलग अलग धर्म और जाती के थे. अगर उस वक्त भी भारतीय होते, तो ना कोई विदेशी ताकद हमे गुलाम बनाती, ना हम गुलाम बनते. मुगल आये तब हमारे देश मे शेकडों की संख्या मे क्षत्रीय राजे रजवाडे. वो सब आपस मे, एक दुसरे से लढ रहे थे. आक्रमणकारीयों ने उसका ही फायदा उठाकर हमे गुलाम बनाया. जब ब्रिटिशो से हमे आजादी मिली, तब भी ७५० के आसपास संस्थानिक हमारे देश मे मौजूद थे, वो राजा थे, शूरवीर थे, पर वो भारतीय नहीं थे, इसालि,ये वो सारे और हम भी गुलाम थे. जब हम भारतीय बनकर महात्मा गांधी, पंडित नेहरू के नेतृत्व मे विदेश ब्रिटिश सरकार से भारतीय बनकर लढे, तब जाकर हमे आजादी मिली. भारतीय बनना ही एक बडी ताकद है, जीत है और आजादी भी है. यह समजने का आजका दिन है.
   
     धर्म और जाती मे बटे तो गुलाम बने, भारतीय बने तब आजादी मिली….!
 
      भारतीय समाज जब जब धर्म और जाती मे बटा, तब तब देश गुलाम बना. और जब भारतीय बना तब आजाद हुआ. ये हमारा इतिहास रहा है. आज हमे जाती और धर्म मे बाटने की कोशिश हो रही है, पर हम नहीं बट रहे है. जो लोग, जी शक्तिया  देश के आजादी के खिलाप थे, आज वो देश के लिये खतरा बनके खडे है. देश का संविधान और लोकतंत्र को उन्होंने खतरा पैदा किया है. इसलिये देश, संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिये इन शक्तियो से हमे लढना पडेगा.  आजादी का मतलब केवल अधिकार नहीं है. जिम्मेदारी भी है. हमे इस राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनना पडेगा और ये जिम्मेदारी है की, इस आजाद भारत मे नफरत की राजनीति खतम करके भाईचारा पैदा करे.
         
               देश कागज पर बना नक्षा नहीं होता….!
 
       देश का मतलब कागज पर बना एक नक्षा नहीं होता. देश का मतलब होता है, देश के नागरिक, भले वो किसी भी धर्म और जाती के हो. उनको इस देश के विकास और हर क्षेत्र मे भागीदारी, हिस्सेदारी देना. देश का मतलब होता वन, जंगल, जमीन भी. उसकी हिफाजत करना, देश मे भाईचारा कायम करना. अगर हम ये नहीं कर पाये, तो हम इस देश के सच्चे नागरिक नहीं है. हमारे देश का मणिपूर जलता हो, और उसकी आच हमे नहीं लगती, तो हम इस देश के सच्चे नागरिक नहीं है. फिर भले हमारे पास नागरिकता के कितने भी डॉक्युमेंट क्यू ना हो. हम सच्चे नागरिक नहीं है.
 
             देश सुरक्षित हातो मे नहीं है….
 
      अगर आज हमारा देश सुरक्षित हातो मे नहीं है, तो हमे बोलना पडेगा. अगर हमारे सार्वभौम राष्ट्र के फैसल अमेरिका जैसा राष्ट्र करने लगा, तो हमे बोलना पडेगा, ये हमारा कर्तव्य भी है, और जिम्मेदारी भी. अगर हमारे देश की संपत्ती हमारे सामने बिक रही है, तो हम चूप कैसे बैठं सकते है. आज ये हो रहा है. देश मे नफरत का माहोल है, यह माहोल देश की एकता और अखंडता को खतरा पैदा कर सकता है, आज नफरत का माहोल चरम पर है, और हम चूप है. यह देश के लिये अच्छा नहीं है. हम जिम्मेदारी से बच रहे है. चुप्पी को तोडना पडेगा. और नफरत फैलानेवाले शक्ती से लढना पडेगा. यह संकल्प हमे करना पडेगा. 
        स्वातंत्र्य दिन की सभी को मंगल मंगल कामना….!
 
   जयहिंद !, जय महाराष्ट्र! ,जयभीम!, जय समाजवाद!
 
………………..
 
राहुल गायकवाड,
महासचिव, समाजवादी पार्टी,
महाराष्ट्र प्रदेश
0Shares

Related post

“रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक”

“रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक”

रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक  रुपया डॉलर विनिमयाच्या चर्चांमध्ये वर्गीय आयाम टेबलावर आणण्याची…
स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार

स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार

स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार ती लहानपणची बाहुली किंवा विदूषक आठवतोय ? कसाही…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *