दि 25 जून 1975 को आपातकाल घोषित किया गया था। इसकी जाणकारी आनेवालीपिढी को होना चाहीये यह कारण बताकर, केंद्र सरकारने 25 जून यह दिन “संविधान हत्या दिवस” के रूपमे मनानेका फैसला लिया है। सरकारने 12 जुलै 2024 को गॅझेट नोटिफिकेशन जारी किया है। मेरी राय मे, यह फैसला राष्ट्रहित मे नही है।
2. संविधान हत्या दिवस यह संकल्पना या विचार ही असंविधानिक है। यह नकारात्मक विचार है। हत्याको celebrate नही किया जाता । लोकसभा चुनाव मे इंडिया गठबांधन ने संविधान हात मे लेकर प्रचार किया।लोगोंको महत्व बताया। इस चुनाव मे भाजपा को बहुमत प्राप्त नही हो सका। फिरभी एनडीए की सरकार तो बनी। नरेंद्र मोदी जी तिसरी बार प्रधानमंत्री भी बने। संविधान को माथेपर लगाया। संविधान का सन्मान होना चाहीये, संविधान की हत्या नही। सरकार का कोईभी निर्णय सकारात्मक और समाजहित , देशहित मे हि होना चाहीये।
3. प्रतिपक्ष के बहुत सारे सांसदोने संसद मे संविधान का जयघोष किया, संविधान दिखाया। यह कारण तो नही दि 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करके हर साल celebrate करणके पिछे? दि 26 नोव्हेंबर संविधान दिवस घोषित होणेंकी वजहसे हर साल 2015 से मनाया जा रहा है।यह निर्णय भी प्रधानमंत्री ने जुलै 2015 मे लिया। यह सकारात्मक और संविधान के सन्मान का ऐतिहासिक निर्णय है।क्या भारत सरकार इस दिन की और संविधान की हत्या करणा चाहती है ? संविधान हत्या दिवस की घोषणा और निर्णय संविधान के सन्मान को ठेच पहुचनेवाला निर्णय है। नागरिक के मूलभूत कर्तव्य 51A के पहिले ही कर्तव्य के खिलाफ है।
4. मेरा मानना है की यह निर्णय संविधान की ली गयी शपथ की हत्या है। क्योकी इसमे द्वेष, नफरत दिखायी देती है। इससे , भाजपा – एनडीए यह संविधान विरोधी पार्टी ऐशी प्रतिमा तयार हो सकती है,नुकसान हॊगा । 25 जून को आपातकाल के उपलक्षमे संविधान हत्या दिवस को मनाना गलतनिर्णय शाबीत हॊगा ।संविधान को लेकर यह निर्णय सर्वथा अनुचित है। हम मांग करते है की यह निर्णय तुरंत रद्द करे । सरकार संविधान के सन्मान करणेका काम दृढता और इमानदारिसे करे। सरकार का हर फैसला भय और पक्षपात के उपर हो।
5. सरकार , 2024-25 यह वर्ष संविधान का अमृत महोत्सव :घर घर संविधान के लिये समर्पित करे। हमने11 ऑक्टोबर 2022 को प्रधानमंत्री , कॅबिनेट सचिव और अन्य मंत्री को निवेदन भेजकर Follow कर रहे है। यह निर्णय केंद्र की सरकार ने लेना चाहीये। संविधान का सन्मान ,संविधान का जागर, संविधान का अंमल यह जरुरी है। हत्या की बात करणा अच्छा नही। नकारात्मक सोच को छोडना और सकारात्मक सोच से काम करणा भाईचारा बढायेगा । राष्ट्र हित , राष्ट्रीय एकात्मता के लिये साथ साथ काम करणेकी आवश्यकता है। संविधान जोडणेका काम करता है, तोडणेका काम नही करता। संविधान हत्या दिवस , लोगोमे डर और दरार पैदा करेंगा। आपातकाल को याद करके कुछ हासिल नही हॊगा। यह देश हित मे नही है, इसलीये रद्द होना चाहीये।
इ झेड खोब्रागडे, (भाप्रसे नि संविधान फौंडेशन नागपूर)