• 74
  • 1 minute read

अगर कांग्रेस ने साथ दिया होता, तो चुनाव आयोग को जवाबदेह ठहराया जा सकता था ― ॲड. प्रकाश आंबेडकर

अगर कांग्रेस ने साथ दिया होता, तो चुनाव आयोग को जवाबदेह ठहराया जा सकता था ― ॲड. प्रकाश आंबेडकर

कांग्रेस सिर्फ खोखली बातें करती है! -ॲड. प्रकाश आंबेडकर.

                            मुंबई : वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख ॲड. प्रकाश आंबेडकर ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी 2025 को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी दलों को पत्र लिखकर ईवीएम और चुनाव संचालन नियम, 1961 में किए गए संशोधनों के खिलाफ एक संयुक्त लड़ाई की अपील की थी, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।
ॲड. प्रकाश आंबेडकर ने बताया कि इन संशोधनों के माध्यम से चुनाव से संबंधित रिकॉर्ड को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने पर रोक लगा दी गई, जो लोकतंत्र और पारदर्शिता के खिलाफ है।
 
उन्होंने कहा, “वंचित बहुजन अघाड़ी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में शाम 5 बजे के बाद डाले गए 76 लाख रहस्यमय वोटों पर सवाल उठाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की हे। मेरे द्वारा की गई बहस के बाद भारत निर्वाचन आयोग को कानूनी नोटिस जारी किया गया।”
ॲड. प्रकाश आंबेडकर का मानना है कि अगर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल समय रहते उनके साथ आते, तो निर्वाचन आयोग को जवाब देना पड़ता और शायद चुनाव के फुटेज को केवल 45 दिनों तक रखने का फैसला भी नहीं होता।
उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 226 और 32 के तहत हर नागरिक को रिट याचिका के माध्यम से चुनाव को चुनौती देने का अधिकार है। लेकिन अगर रिकॉर्ड सिर्फ 45 दिन ही रखा जाएगा, तो न्यायिक प्रक्रिया के लिए जरूरी साक्ष्य ही उपलब्ध नहीं होंगे।
ॲड.आंबेडकर ने मांग की है कि रिकॉर्ड रखने की यह अवधि बढ़ाकर कम से कम डेढ़ साल की जाए। उन्होंने बताया कि वे कल इस मुद्दे को बॉम्बे हाई कोर्ट में उठाने वाले हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस सिर्फ खोखली बातें करती है, लेकिन मैं न्यायालय और जनता के सामने चुनावी पारदर्शिता की लड़ाई लड़ रहा हूं।”
————————–
0Shares

Related post

“रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक”

“रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक”

रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक  रुपया डॉलर विनिमयाच्या चर्चांमध्ये वर्गीय आयाम टेबलावर आणण्याची…
स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार

स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार

स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार ती लहानपणची बाहुली किंवा विदूषक आठवतोय ? कसाही…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *