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मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है…!, चुनाव आयोगाने माफी मांगने को कहा तो राहुल गांधी फिर दहाडे….!
3waysmediadmin
February 2, 2024
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बिहार की क्रांतिकारी भूमी से सत्ता परिवर्तन का फिर से एकबार आगाज.....!
मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है…! मेरा नाम राहुल गांधी है…..! ये संघ, भाजप और फॅसिस्ट शक्तींयों के जख्मपर नमक छिडकनेवाले वक्तव्य नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधीने आज फिर किये. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमारने पत्रकार परिषद लेकर जो वक्तव्य किये उसके जबाब मे राहुल गांधी बोल रहे थे. लोकतंत्र , संविधान, संवैधानिक परंपरा को नजरअंदाज करके पिछले दस साल से देश की सरकार देश को चला रही है. ऐसे वक्त कोई संविधान और लोकतंत्र की बात करता है, तो वो देशद्रोही हो रहा है.. पिछले एक दशक मे देश का लोकतंत्र अजीब ढंग से चल रहा है. सरकार की गलत और जन विरोधी नितीयों की जो आलोचना करता है, उसे देशद्रोही ठहराया जा रहा है. बल्की लोकतंत्र ये नहीं है. भारतीय लोकतंत्र मे देश का संविधान सरकार की जनविरोधी नितियों की आलोचना करने हा का हक्क हर भारतीय नागरिक को देता है. मोदी का दस साल का कार्यकाल छोडा जाय, तो देश के नागरिक खुलेआम सरकार के खिलाप बोल रहे थे. तब कभी भी और किसी भी सरकारने नागरिकों देशद्रोही नहीं कहा. अपवाद सिर्फ मोदी के शासनकाल का हे.

देश मे २०१४ मे सत्ता परिवर्तन हुआ और मोदी प्रधानमंत्री बन गये. यह एक देश विरोधी घटना है. अण्णा आंदोलन देश के खिलाप एक साजिश थी. पर काँग्रेस के खिलाप जनता के मन में आक्रोश भी था, इसलिये ये साजिश तब समज मे नहीं आयी. मोदी के नेतृत्व मे स्थापन हुई सरकार को जनताने तब काँग्रेस विरोधी लहर का नाम दिया था. मोदीने वादे भी बहुत सारे किये थे, जनता वादो मे फस गयी. पर २०१९ और २०२४ मे मोदी की फिर सरकार बनी, वो वोट चोरी से बनी. मोदी दुसरी और तिसरी बार वोट चोरी करके ही प्रधानमंत्री बने. यह अब साबित हो चुका है. राहुल गांधीने वोट चोरी के जो भी आरोप लगाएं वह सब चुनाव आयोग और सरकार की पोलखोल करते है. दोन्हो के गठबंधन की साक्ष देते है. एक घर मे ८० मतदातावाली लिस्ट, एक आदमी के ८० पुत्र, पुत्री होनेवाली और एक लिस्ट भी चुनाव आयोग के निर्देशन मे लाने का काम राहुल गांधीने किया. उसकी जाच करना आयोग का दायित्व है. पर आयोग राहुल गांधी को ही हलफनामा मांग रहा है. मोदी के राज मे आयोग इतना गिरा हुआ है.
राहुल गांधी ही नहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादवने भी चुनाव आयोग को कई शिकायत कई बार की है. पर आयोग जबाब तक नहीं देता. आयोग हलफनामा की बात कर रहा है. पर अखिलेश यादवने १८ हजार फलफनामे दिये है, उत्तर प्रदेश मे १८ हजार मतदातायों मतदान करने से रोका गया. इसलिये ये हलफनामे दिये गये, पर कोई कारवाई क्यू नहीं की गयी ? यह सवाल समाजवादी पार्टी चुनाव आयुक्त से पूछ रही है. पर कोई जबाब नहीं. पंचायत से लेकर लोकसभा तक के हर चुनाव मे चुनाव आयोग पर गडबडी के आरोप हो रहे, उसके सबूत भी मौजूद है. पर कोई कारवाई नहीं होती. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ७६ लाख वोट की गडबडी हुई, आयोग स्वीकार ही नहीं कर रहा है. केवल मोदी ही नहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी वोट चोरी करके ही मुख्यमंत्री बने है. पर चुनाव आयोग गडबडीत के आरोप को मानता ही नहीं. जो १८ हजार हलफनामे अखिलेश यादव दिखा रहे है, चुनाव आयोग आयुक्त बोल रहे है, हमे मिले ही नहीं. अखिलेशजी स्लिप दिखा रहे है. इससे साबित हो रहा है आयोग झूठ बोल रहा है.
वोट चोरी के आरोपने भाजप और चुनाव आयोग बॅकफुटवर ….
EVM मशीन सदोष है. दुनिया भर के आधुनिक तंत्र से संपन्न देशो मे EVM को हटाके बॉलेटपेपर से वोटिंग हो रही है. पर हमारा चुनाव आयोग उसे मानता ही नहीं. आज EVM मे गडबडी करके भी भाजप चुनाव जीत नहीं सकती. इसलिये आयोग और भाजप के गठजोडने फर्जी मतदाता बनाने और विपक्ष दल के समर्थक वोट को काटने का काम सुरू किया है. जो बिहार मतदाता सूची से साबित हुआ है. जिवंत मतदातायों को मृत घोषित करके उनके नाम भी काटे गये है. ऐसे मतदाता की संख्या शेकडो मे नहीं लाखो मे है. ६५ लाख मतदाता के नाम बिहार के मतदाता सूची से काटे गये है, तो भाजपने गुजरातीयों के नाम मतदाता सूची मे डाले है. जिनके पास निवास भी नहीं है, ऐसे वो मतदार है. ये सबकी पोलखोल हुई है, तब जाकर बिहार की जनता आयोग के विरोध मे रास्तेपर उतरी है. आज बिहार और देशभर आयोग के खिलाप जनआंदोलन हो रहा है. और आयोग बचकाने जबाब दे रहा है. बकवास और झूठ बोल रहा है. इसलिये पुरा विपक्ष अब चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमारपर संसद मे महाभियोग प्रस्ताव भी ला रहा है. जो मोदी और पुरे भाजप, संघ परिवार को बॅकफूटपर लाकर खडा कर देगा.
भारतीय लोकतंत्र मे हर भारतीय नागरिक मालिक है, और चुनाव आयुक्त या सीएम, पीएम नोकर. इसलिये नागरिकों के हर सवाल का जबाब देना उनका काम है. और राहुल गांधी तो नेता प्रतिपक्ष है. उनके हर सवाल और आरोप का जबाब देना चुनाव आयोग ही नहीं पीएम की भी ड्युटी है. पर सब अपने जबाबदेही से एक तो भाग रहे है, या झूठ बोल रहे है. चुनाव मे गडबडी के आजतक जितने भी आरोप हुये, उसके जबाब चुनाव आयोगाने नहीं बल्की भाजप नेताने दिये. राहुल गांधी ने एक लेख के माध्यम से सवाल उठाये, तब फडणवीस या भाजप का अन्य नेता उसका जबाब दे रहा था. इससे ये साबित होता है की, चुनाव आयोग के गडबडी का सीधा फायदा भाजप को मिल रहा है. और जब पानी शिर के उपर से चला गया, तब जाकर भाजप बॅकफूटपर गयी और चुनाव आयोग सामने आया. रविवार को आयुक ज्ञानेश कुमारने पत्रकार परिषद ली. और राहुल गांधी के आरोपों को हास्यास्पद जबाब दिये. आयोग को मजाक बना दिया.
सीसीटीव्ही फूटेज और 0 मकानवाली चुनाव आयोग की दलिले हास्यास्पद……
सीसीटीव्ही फुटेज… राहुल गांधीने मतदान के वक्त के सीसीटीव्ही फुटेज मांगे, तब चुनाव आयुक्तने बहुत ही बचकानी बात की, आयुक्तने कहा हमारी माता, बहन, बहू वोटिंग के लिये आती है, उसके फुटेज हम सार्वजनिक कैसे कर सकते है. उसके जबाब मे समाजवादी पार्टी की लोकसभा सदस्या इकरा हसनने आयोग से पूछा की, बुरखा हटाके देखते हो तब माता, बहन, बहू क्यू याद नहीं आती ? मकान नंबर 0 के बारे मे भी ऐसे ही बकवास और हास्यास्पद जबाब आयुक्तने दिये. O मकानवाला प्रॉब्लेम मोदी के शासनकाल मे ही क्यू खडा हो गया है ? उसका सही जबाब चुनाव आयोग नहीं दे पा रहा है, पर ये 0 सिस्टम वाला पुरा मामला क्या है, ये देश की जनता जानती है.
कहावत है की, एक झूठ छुपाने के लिये 100 झूठ बोलना पडता है. इसलिये चुनाव आयुक को पत्रकार परिषद लेकर झूठ बोलना पड रहा है, ये एकदम स्पष्ट रूप से देश के सामने आ गया है. अब देश की जनता जाग गयी है. अपने हक्क, अधिकार की लढाई लढ रही है. बिहार की क्रांतिकारी भूमी से संविधान और लोकतंत्र विरोधी सरकार को बदलने के लिये खडी हो गयी है. समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व मे बिहार के ही भूमी से संपूर्ण क्रांति का आगाज हुआ था, तब भी लोकतंत्र और संविधान के लिये खतरा बनी सरकार को जाना पडा था. अब भी जाना पडेगा.
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राहुल गायकवाड,
महासचिव, समाजवादी पार्टी,
महाराष्ट्र प्रदेश
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