लोकतंत्र संविधान का एक अंग है। लेकिन, काॅंग्रेसने निजीकरण का स्वीकार कर के संविधान की सोशालिस्ट धारा को खत्म कर दिया। भाजप’ने राजनीतिक लोकतंत्र को चुनाव आयोग के माध्यम से ध्वस्त कर दिया। अब तो, न्यायपालिका भी न्याय करने से परे हो चुकी है। इसका सिधा मतलब है कि, विधीपालिका, प्रशासन पालिका और अब न्याय पालिका इन्होंने संविधान को ही ध्वस्त कर दिया है – मा. बी. डी. बोरकर
राहुल गांधी जो बात उठा रहे हैं, वह सामाजिक इश्यू है। वह राजनीतिक इश्यू नही है; इसलिए, सभी राजनीतिक दलों ने उनका साथ देना चाहिए; किंतु, इसका यह मतलब कतई नहीं की हमारे राजनीतिक दल काॅंग्रेस में विलीन कर दे – मा. बी. डी. बोरकर
देखें, सोचें, अपना ओपिनियन जरूर दें और हा लाइक, शेअर करना न भूलें। चॅनल सब्सक्राइब भी करें।