• 146
  • 1 minute read

बिहार चुनाव: संघ और भाजप का राजनैतिक भविष्य सुनिश्चित करनवाले चुनाव के बीच बॉम्बस्फोट की घटना कोई साजिस है …?

बिहार चुनाव: संघ और भाजप का राजनैतिक भविष्य सुनिश्चित करनवाले चुनाव के बीच बॉम्बस्फोट की घटना कोई साजिस है …?

बिहार चुनाव के आहट से ही आतंकी घुसपिटीया बिहार और देश मे घुसे....?

         देश मे चुनाव हो रहा है, और आतंकी नहीं आएंगे, वो हमले नहीं करेंगे, बॉम्सफोट नहीं करेंगे, ऐसा हो ही नहीं सकता. अगर चुनाव संघ, भाजप का राजनैतिक भविष्य सुनिश्चित करनेवाला हो, तो धमके को कोई रोक भी नहीं सकता. उनको होना ही होना है. दिल्ली के लाल किल्ले के पास मतदान के एक दिन पहिले कार मे बॉम्बस्फोट हो गया. उसमे ११ लोगों की मृत्यू हो गयी, और कई घायल हो गये. बिहार चुनाव के आहट के साथ ही आतंकी , घुसपिटीया बिहार मे आये है. वो देशभर फैले भी है. देश के प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शहा ये जाणते भी है. पर बिहार के प्रचार से और बिहार मे सत्ता स्थापन करने की नशा मे दोनो ने भी उसे नजरअंदाज किया. देश के सुरक्षा से भी अधिक चुनाव और सत्ता स्थापन करना संघ, भाजप, मोदी और शहा को महत्त्वपूर्ण लगा. इसलिये उन्होंने आतंकवादी और घुसपिटीयों को नजरअंदाज किया. इसका परिणाम ये हुआ की देश के लोगो ने भाजप का सत्ता पाने का सपना पुरा करने के राजधानी दिल्ली मे अपना बलिदान दिया. हिंदू राष्ट्र के निर्मिती के लिये ये जरुरी है. उसमे संघ, भाजप, मोदी को कुछ भी गलत नहीं लगता. 
          और ये पहिली बार नहीं हुआ, ना हो रहा है, २०१९ मे पुलवामा मे तो ४० जवानों ने मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनने के लिये बलिदान दिया है. ये सिलसिला तब से सुरू है. संघ, भाजप का हिंदू राष्ट्र बनाने का सपना पुरा करने के लिये हिंदुयों को बलिदान तो देना ही पडेगा. हिंदू राष्ट्र का सपना पुरा करने के लिये सावरकर से प्रेरित ब्राह्मणवादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघने अहिंसा के पुजारी और रामनाम जपनेवाले महात्मा गांधी की भी हत्या नथुराम गोडसे से करवाई है . बाकी दिल्ली मे हुई बॉम्बस्फोट की घटना अत्यंत दुःखत है. इस दुर्दैवी घटना मे जिनकी जान गयी, उनके और परिवार से संवेदना व्यक्त करना आज हमारा कर्तव्य और दायित्व भी है. पर बॉम्बस्फोट किसने किया ? ये आतंकी कहा से आये ? इसकी भी जाच होनी चाहिए ? जो सरकार नहीं करती. याद रहे की चौकीदार के राज मे पुलवामा के हत्यारे आज तक मिले नहीं. ना उनके पास आरडीएक्स और कार कहा से आयी ? उसका भी पत्ता आजतक मिला नहीं. चौकशी भी आजतक हुई नहीं. कार का मालिका गुजराती है, पर कोन था ? उसका भी पत्ता आजतक नहीं मिला.
 
        देश मे चुनाव और दंगे, आतंकी घटनायों का संबंध हमेशा रहा है. ये संबंध हिंदू _ मुस्लिम राजनीति से प्रेरित भी रहा है. और ये हिंदू मुस्लिमवाली राजनीति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिंदू महासभा, सावरकर आजादी के पहिले से करते आ रहे है. ब्रिटिश सरकार से माफी मांगकर सावरकर जब पेन्शननर बन गये, तब से देश मे ये हिंदू मुस्लिम राजनीति हो रही है. काँग्रेस और नेहरू, गांधी के नेतृत्व मे तो देश का हिंदू और मुस्लिम एकसाथ ब्रिटिशों के खिलाप लढ रहे थे. पर आजादी मिलते ही हिंदुत्ववादियों ने आजादी दिलानेवाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की. देश मे दंगे करवाये. जमकर हिंदू मुस्लिम राजनीति की आग लगाई, जो आजादी अमृतकाल तक जल रही है.
        शेकडो सालो की गुलामी के बाद आजाद हुये देश को बनाने का काम गांधी, नेहरू और आंबेडकर कर रहे थे, तब से देश को तोडने के कोशिश भी संघ जैसी कट्टर सांप्रदायिक शक्ती खुलेआम कर रही है. और ये डरकर, छूपकर नहीं खुलेआम कर रही है. ऐसी घटनाये जिसका फायदा और लाभ मिलता है, वही शक्तीया उसे करती, करवाती भी है. क्यू नहीं पकडे गये पुलवामा के आतंकी ? क्यू नहीं पकडे गये पहलगाव के आतंकी ? संघ और हिंदुत्ववादी संघटना इस देश मे क्या करना चाहती है ? ये तो गांधी हत्या के बाद ही साफ हो गया है. अगर दिल्ली बॉम्बस्फोट और गुजरात मे पकडे गये आतंकीयों की निःपक्ष जाच हो जाय, तो कटघरे मे जो होगे, उसे देखकर हिंदुयों की मान शरम से झुक जाएगी. इसलिये जाच ही होगी नहीं. इस दोनों घटनायों का लाभ उठाने की कोशिश मोदी और शहाने बिहार चुनाव के वोटिंग के दिन किया. आतंकी और संघीयों की कितनी गहरी साठगाठ है. यह भी इससे पता चलता है. भाजप को चुनाव जिताने के लिये आतंकी जरुर आते है. मोदी, शहा दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश की जनता की सुरक्षा को नजरांदाज कर बॉम्बस्फोट होने के दुसरे ही दिन अदानी के साथ भूतान गया. जहा व्यापारी सौदे हो रहे है. ३५० किलो आरडीएक्स और अन्य सामुग्री के साथ देश मे आतंकी मिले है. यह बहुत गंभीर और चिंता की बाब है. पर देश की सुरक्षा से जादा अदानी के उद्योग की मोदी को फिक्र है. इसलिये महामानव देश छोडकर चले गये. 
       बिहार चुनाव के पहिले चरण मे जो मतदान हुआ, उसमे भाजप हार रही है. इसलिये दुसरे चरण के मतदान को अपने झोली मे करने के लिये अमित शहा ने बिहार मे ही प्रशासकीय अधिकारी और चुनाव आयोग के उपर दबाव डालना सुरू किया. पर दाल गली नहीं. जो दाल वहा गली नहीं उसे गलाने के लिये तो यह बॉम्बस्फोट हुआ नहीं ? यह शंका आनी लाजमी है.
      
                देश सुरक्षित हातो मे नहीं…..!
 
         बिहार चुनाव और दिल्ली का बॉम्बस्फोट, गुजरात मे पकडे गये आतंकवादी, जम्मू काश्मीर मे पकडा गया सामुग्री का कोई संबंध नहीं भी हो. लेकीन इतनी सारी घटना एकसाथ होने से शंका भी पैदा होती है. पहिले भी ऐसे तार भी मिले है. २०१९ के लोकसभा चुनाव के पहिले पुलवामा हुआ. बिहार चुनाव जाहीर होने के कुछ ही दिन पहिले पहलगाव की आतंकी घटना हुंई . अब बिहार मे भाजप और एनडीए की हार होते दिख रही है. तब बॉम्बस्फोट होते है, आतंकी पकडे जाते है और ३५० किलो आरडीएक्स के साथ हत्यार और बॉम्बस्फोट की सामुग्री मिलती है. उसे क्या कहेगे ?
       क्या उसका जबाब देश के प्रचारमंत्री मोदी दे सकते है. गृहमंत्री अमित शहा दे सकते है. या बॉर्डर से आतंकी देश मे कैसे घुस जाते है ? उसका जबाब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग दे सकते है. नहीं दे सकते. पुलवामा, पहलगाव के घटनायों का दिया नहीं. अब भी नहीं देगे. इस सरकार से यह उम्मीद करना भी बेकार है. इससे यह साबित होता है की, देश सुरक्षित हातो मे नहीं है. चौकीदार ही चोर है. तो सुरक्षा और देश के लोगों के जान माल की रक्षा कैसे हो जायेंगी ? सवाल यह भी है. जबाब किससे मांगा जायेगा ? देश मे आतंकी, घटना और बॉम्बस्फोट होने के बाद हर बार सुरक्षा से लेकरं सवाल उठते है. सीमावर्ती इलाखो मे हमारी सेना क्या करती है ? यह भी सवाल उठता है, और जायज भी. और विपक्ष या देश के नागरिक यह सवाल उठाते है, तो उन्हे ही देशद्रोही, देश विरोधी कहा जाता है, राष्ट्रवाद की नयी परिभाषा मोदी के राज मे आयी है. ये सब देश हित मे नहीं, देश को तोडने की साजिस है. हमे उसको देश के हित मे समजना बहुत जरुरी है.
     
   बिहार मे EVM मशीन की हिफाजत के लिये जनता बनी पहारेदार….!
 
         अब दुसरे चरण का भी मतदान हुआ है. सत्ता बदल और परिवर्तन के लिये बिहार की जनता ने वोट दिया है. अब जिल्हा प्रशासन, पोलिस, चुनाव आयोग, सुरक्षा दल और दलाल गोदी मिडिया के साथ मोदी वोट चोरी करने की आखरी कोशिश मे लगे है. बिहार की जनता भी यह जान रही है. इसलिये बदलाव , सत्ता परिवर्तन के पक्ष मे वोट डालने के बाद जनता वोट चोरी रोखणे के लिये जहा EVM रखी गयी है, वहा पहारा दे रही है. देश, संविधान और लोकतंत्र के लिये ये जरुरी है, उसका एहसास जनता को है. 
             इसलिये देश के हित मे जनता EVM मशीनों की हिफाजत कर रही है. बिहार मे हर जगह पर जहा EVM रखी गयी है, वहापर जनता पहारा दे रही है. जनता को मालूम है, चौकीदार ही चोर है. वोट चोर और चुनाव चोर भी है…!! 
…………………………….
 
राहुल गायकवाड,
प्रवक्ता, महासचिव समाजवादी पार्टी,
महाराष्ट्र प्रदेश
0Shares

Related post

“रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक”

“रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक”

रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक  रुपया डॉलर विनिमयाच्या चर्चांमध्ये वर्गीय आयाम टेबलावर आणण्याची…
स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार

स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार

स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार ती लहानपणची बाहुली किंवा विदूषक आठवतोय ? कसाही…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *