• 38
  • 1 minute read

“गलत हो जाते हैं…!!!”

“गलत हो जाते हैं…!!!”

गलत को ग़लत बोलने वाले इंसान
गलत लोगों की नज़रों में… गलत हो जाते हैं।

जो सच्चाई की बात करें,
वो ट्रेंड में नहीं रहते,
वो “अजीब” कहे जाते हैं,
वो “रूखे”, “कटु”, “पुराने” कहे जाते हैं…
बस इसलिए, कि वो सच बोलते हैं,
और सच बोलने वाले… गलत हो जाते हैं।

इस भीड़ में, जो सच के साथ खड़ा है,
वो अकेला पड़ जाता है,
जो भीड़ के साथ झूठ बोले,
वो लीडर बन जाता है।
यहाँ सच की कीमत नहीं,
बस शोर की बोली लगती है,
और जो चुप नहीं रहते,वो बदनाम हो जाते हैं।

हर जगह “इमेज”, “ब्रांड”, “नेटवर्क” का खेल है,
जो साफ़ दिल से जिए ,वो फ़ेल है!
ज़माना मुनाफ़े में सोचता है,
और जो ज़मीर में जीते हैं,बेअसर हो जाते हैं।

पर सुनो,
ये दुनिया चाहे जैसा भी सोचे,
सच की रौशनी बुझती नहीं।
गलत को ग़लत बोलने वाले,
इतिहास में मिटते नहीं…
बस, आज की आँखों में… गलत हो जाते हैं।

-कांबलेसर बदलापूर ठाणे

0Shares

Related post

“रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक”

“रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक”

रुपया डॉलर विनिमय: वर्गीय परिणाम आणि परकीय गुंतवणूक  रुपया डॉलर विनिमयाच्या चर्चांमध्ये वर्गीय आयाम टेबलावर आणण्याची…
स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार

स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार

स्मार्टफोन, टीव्ही, बाजारपेठ: बदललेल्या जीवनशैलीवर लोकांचे मिश्रित विचार ती लहानपणची बाहुली किंवा विदूषक आठवतोय ? कसाही…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *