गलत को ग़लत बोलने वाले इंसान गलत लोगों की नज़रों में… गलत हो जाते हैं।
जो सच्चाई की बात करें, वो ट्रेंड में नहीं रहते, वो “अजीब” कहे जाते हैं, वो “रूखे”, “कटु”, “पुराने” कहे जाते हैं… बस इसलिए, कि वो सच बोलते हैं, और सच बोलने वाले… गलत हो जाते हैं।
इस भीड़ में, जो सच के साथ खड़ा है, वो अकेला पड़ जाता है, जो भीड़ के साथ झूठ बोले, वो लीडर बन जाता है। यहाँ सच की कीमत नहीं, बस शोर की बोली लगती है, और जो चुप नहीं रहते,वो बदनाम हो जाते हैं।
हर जगह “इमेज”, “ब्रांड”, “नेटवर्क” का खेल है, जो साफ़ दिल से जिए ,वो फ़ेल है! ज़माना मुनाफ़े में सोचता है, और जो ज़मीर में जीते हैं,बेअसर हो जाते हैं।
पर सुनो, ये दुनिया चाहे जैसा भी सोचे, सच की रौशनी बुझती नहीं। गलत को ग़लत बोलने वाले, इतिहास में मिटते नहीं… बस, आज की आँखों में… गलत हो जाते हैं।