सामाजिक 831 minute read सुख-दुःख तो उपज मनकी 3waysmediadmin February 2, 2024 Post Views: 114 महामानवांच्या विचारांवर आधारित, सद्धम्म चर्चा भाग-२३सुख-दुःख तो उपज मनकी,बाहरी कुछ ना होय,करले बंदे मन काबु मे,सुख-दुःख फिर ना होय, रे बंदे…..१खोए चैन मोह-माया से,होए जीवन बेचैन,मेरा-मेरा कर ना बंदे,तृष्णा बडी बैरन, रे बंदे…..२बिन कारण कुछ नही,जाणले तु ये सच्चाई,पुजा-पाठ काम ना आए,जो बोवे उसीकी होवे उगाई, रे बंदे…..३जीवन ये अनमोल है,व्यर्थ उसे ना गवा रे बंदे,पाप से नित दूर रहकर,पुण्य संचित कर रे बंदे, रे बंदे..…४बुरे से ना बात भली,भली ना उसकी संगत,भले से भली दोस्ती,भले से जीवन मे रंगत, रे बंदे..…५शब्द रचना: प्रकाश डबरासे Facebook 0 WhatsApp Messenger Twitter 0 Print 0Shares